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    Maha Shivratri 2023: महाशिवरात्रि पर इन 4 राशियों पर शनिदेव की होगी असीम कृपा, साढ़ेसाती व ढैय्या का कम होगा प्रभाव

    Maha Shivratri 2023: महाशिवरात्रि पर इन 4 राशियों पर शनिदेव की होगी असीम कृपा, साढ़ेसाती व ढैय्या का कम होगा प्रभाव

    इस दिन त्रिग्रही योग बन रहा है। जब तीन ग्रह किसी एक ही राशि में आ जाते हैं तो त्रिग्रही योग बनता है और इस बार सूर्य, चंद्रमा और शनि एक साथ कुंभ राशि में मौजूद रहेंगे। ज्योतिष शास्त्र में त्रिग्रही योग को बहुत महत्वपूर्ण और शुभ माना गया है। यह योग लोगों के जीवन से शनि की साढ़े साती और ढैय्या के दुष्प्रभाव को दूर करने में मदद करेगा।

    Maha Shivratri 2023: महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी 2023 को मनाया जाएगा। इसी दिन तीन सबसे महत्वपूर्ण ग्रह कुंभ राशि में मौजूद रहेंगे, जो त्रिग्रही योग बना रहे हैं। इस बार सूर्य 13 फरवरी को कुंभ राशि में गोचर कर चुके हैं, जहां शनि पहले से ही चंद्रमा के साथ अस्त अवस्था में है। महाशिवरात्रि पर शनि, सूर्य और चंद्रमा का एक ही राशि में होना बहुत ही दुर्लभ संयोग है। मान्यता है कि इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से पीड़ित जातकों को लाभ मिलता है। आइए अब जानें कि किन चार राशियों पर भाग्य और समृद्धि की कृपा होने वाली है।

    महाशिवरात्रि  और शनि प्रदोष व्रत तिथि और समय

    हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। महाशिवरात्रि की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 18 फरवरी 2023 की रात 08 बजकर 05 मिनट पर होगी और इसका समापन 19 फरवरी 2023 की शाम 04 बजकर 21 मिनट पर होगा। महाशिवरात्रि व्रत पारण का मुहूर्त सुबह 6 बजकर 57 मिनट से दोपहर 03 बजकर 25 मिनट तक है। निशिता काल पूजा मुहूर्त 19 फरवरी की रात 12 बजकर 9 मिनट से रात 01 बजे तक।

    वहीं, शनि प्रदोष व्रत भी महाशिवरात्रि के दिन ही पड़ने जा रहा है। यह प्रदोष व्रत शनिवार के दिन पड़ेगा इसलिए इसे शनि प्रदोष व्रत के तौर पर मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, इस साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 17 फरवरी 2023, शुक्रवार की रात 11 बजकर 38 मिनट से प्रारंभ होगी, जबकि इस तिथि का समापन 18 फरवरी, 2023 शनिवार की रात 08 बजकर 05 मिनट पर होगा।

    महाशिवरात्रि 2023 पर त्रिग्रही योग का निर्माण

    इस दिन त्रिग्रही योग बन रहा है। जब तीन ग्रह किसी एक ही राशि में आ जाते हैं तो त्रिग्रही योग बनता है और इस बार सूर्य, चंद्रमा और शनि एक साथ कुंभ राशि में मौजूद रहेंगे। ज्योतिष शास्त्र में त्रिग्रही योग को बहुत महत्वपूर्ण और शुभ माना गया है। यह योग लोगों के जीवन से शनि की साढ़े साती और ढैय्या के दुष्प्रभाव को दूर करने में मदद करेगा।

    महाशिवरात्रि का पर्व चार राशि वालों के लिए अत्यंत लाभकारी माना जा रहा है। जानें इन राशियों के बारे में

    मेष राशि- त्रिग्रही योग बनने से मेष राशि के जातकों पर भगवान शिव विशेष कृपा करेंगे। अगर आपकी कोई प्लानिंग लंबे समय के लिए रोक दी गई है, तो वह पूरी हो जाएगी और आपकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाएंगी। इस दिन भगवान शिव की पूजा करें और जलाभिषेक करें।

    वृश्चिक राशि– वृश्चिक राशि के जातकों को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होगी। आपकी राशि के स्वामी मंगल भी आपको मानसिक रूप से लाभ देंगे। आपके अंदर एक ऊर्जा का संचार बना रहेगा। इस दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

    मकर राशि- मकर राशि का स्वामी शनि है इसलिए त्रिग्रही योग अनुकूल परिणाम देने वाला है। अगर आप कोई व्यवसाय करते हैं, तो वह फलेगा-फूलेगा। परिणामस्वरूप आपकी आय में भी वृद्धि होगी। आपके घर में सुख-समृद्धि और परिवार के सदस्यों के बीच सामंजस्य बना रहेगा। जल्द ही आपको कोई अच्छी खबर मिलने की प्रबल संभावना है।

    कुंभ राशि- कुंभ शनि की अपनी राशि है, साथ ही साथ जहां शनि अभी स्थित है, यह त्रिग्रही योग आपके दिन को और भी शानदार बना देगा और वांछित परिणाम प्रदान करेगा। आप अपने काम, शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति में अनुकूल परिणामों की उम्मीद कर सकते हैं। अगर विवाह में बाधा आ रही है तो वह समाप्त हो जाएगी। महाशिवरात्रि पर आपको भगवान शिव का जलाभिषेक करना चाहिए और दान-पुण्य करना चाहिए

    महाशिवरात्रि 2023 पर साढ़ेसाती व ढैय्या का प्रभाव कम  करने के उपाय

    भारत के कई हिस्सों में, महाशिवरात्रि को बड़ी भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन देवों के देव महादेव और मां पार्वती की श्रद्धा पूर्वक पूजा करने व व्रत करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही दुःख, संकट और कष्ट दूर हो जाते हैं। शिव जी का आशीर्वाद लेने भक्त बड़ी आस्था लिए मंदिर में आते हैं और पूजा के दौरान शिव जी को बेलपत्र, धतूरा और भांग आदि चढ़ाते हैं। आइए अब जानते हैं महाशिवरात्रि के दिन किए जाने वाले उन उपायों के बारे में, जिन्हें करके शनि की साढ़े साती और ढैय्या के प्रभाव से छुटकारा पाया जा सकता है।

    • जल में काले तिल मिलाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करें।
    • महाशिवरात्रि पर पीपल के पेड़ में जल चढ़ाएं। जल चढ़ाने के बाद पांच तरह की मिठाइयां चढ़ाएं।
    • शनि की साढ़े साती और ढैय्या से प्रभावित लोगों को इस दिन भगवान शिव जी के साथ हनुमान जी की भी पूजा करनी चाहिए।
    • इसके अलावा इस दिन छाया दान भी आपको लाभ देगा।
    • महाशिवरात्रि के दिन शिव पुराण का पाठ और महामृत्युंजय मंत्र का जाप जरूर करें।

    महामृत्युंजय मंत्र

    ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥’

     

    आचार्य मुरारी पांडेय जी

    ।।। जय सियाराम।।।

     

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