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    Vastu Tips: लिविंग एरिया वास्तु के अनुसार बनाएंगे , तो घर में आएंगी ढेर सारी खुशियां

    नमस्कार दोस्तों। आज हमारे आचार्य मुरारी पांडेय जी आपको इस आर्टिकल में वास्तु शास्त्र अनुसार ड्राइंग रूम कैसा होना चाहिए इसके बारे में बताने वाले हैं। दोस्तों ड्राइंग रूम को हॉल और लिविंग रूम भी कहते हैं । यह हमारे घर का अहम हिस्सा माना जाता है । हमारे घर में आना-जाना लिविंग रूम के मेन डोर से ही होता है । लोगों के आने-जाने के अलावा घर में एंट्री करने वाली पॉजिटिव या नेगेटिव एनर्जी भी ज्यादा कर घर के मेन डोर के जरिए लिविंग रूम में सबसे पहले आती है । इसी कारण हमें लिविंग रूम पर ज्यादा फोकस करना चाहिए और उसे वास्तु दोष मुक्त कराने के लिए वास्तु शास्त्र अनुसार लिविंग रूम बनाना चाहिए।

    Vastu Tips: वास्तु के अनुसार बनाएंगे लिविंग एरिया, तो घर में आएंगी ढेर सारी खुशिय

     

    लिविंग रूम पूर्व, उत्तर, उत्तर-पूर्व, दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम, पश्चिम या उत्तर-पश्चिम में बनाना चाहिए। वास्तु के अनुसार इन दिशाओं में बना लिविंगरूम करियर,तरक्की, स्वास्थ्य, धन, आपसी रिश्ते एवं आराम और यश की दृष्टि से अच्छा माना गया है।

    वास्तु विज्ञान के अनुसार लिविंग रूम घर का वह मुख्य स्थान होता है जहां परिवार के सभी सदस्य एक साथ बैठकर बातें करते हैं। कुल मिलाकर फैमिली लाउंज या लिविंग रूम का प्रयोजन एक ऐसा स्थान है जहाँ परिवार के लोग एक साथ बैठकर कुछ सार्थक समय बिता पाएं। परिवार के सदस्यों में कोई मनमुटाव नहीं रहे उनका जीवन सुखमय हो इसके लिए बहुत जरूरी है कि घर में लिविंग रूम वास्तु के अनुरूप हो।

    ये हो दिशा

    लिविंग रूम पूर्व, उत्तर, उत्तर-पूर्व, दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम, पश्चिम या उत्तर-पश्चिम में बनाना चाहिए। वास्तु के अनुसार इन दिशाओं में बना लिविंगरूम करियर,तरक्की, स्वास्थ्य, धन, आपसी रिश्ते एवं आराम और यश की दृष्टि से अच्छा माना गया है। वहीं दक्षिण-पूर्व में बने फैमली लाउंज में बैठकर परिवार के सदस्यों के बीच की गई बातें बहस या झगड़े का रूप ले सकती हैं और इनके बीच के प्यार को प्रभावित कर सकती हैं। इसी प्रकार विसर्जन के दिशा क्षेत्र दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम में बने लिविंग रूम में घर के सदस्यों के द्वारा की गई बातचीत किसी निष्कर्ष या लाभ पर नहीं पहुंचती है। परिवार के सदस्यों की आपस में बात करने की रूचि धीरे-धीरे ख़त्म हो जाती है,अतः यहां लिविंग रूम बनाने से परहेज करना चाहिए।

    ऐसी हो सजावट

    लिविंग रूम में सकारात्मक ऊर्जा के स्तर में वृद्धि के लिए दीवारों का रंग हल्का, शांत व सौम्य होना चाहिए। इसके लिए हल्के नीले, हरे, पीले अथवा पीच रंगों का प्रयोग किया जा सकता है। तामसिक रंग जैसे काला,गहरा नीला अथवा भूरे रंगों के चयन से बचें। भारी सामान एवं अत्याधिक सजावट करना यहां के वातावरण को बोझिल बना देगा,ऐसा न करें। इस कक्ष की दीवारों पर युद्ध, शिकार, रक्तरंजित दृश्य, सूखी हुई ज़मीन व उदासी दर्शाने वाले चित्र नहीं होने चाहिए। फल प्रचुरता का प्रतिनिधित्व करते हैं अतः उनकी यहां मौजूदगी सुखद और शुभ मानी गई है। डाइनिंग टेबल पर फलों से भरी हुई टोकरी रखना समृद्धि को आमंत्रित करना है। घर में धन की आवक बनी रहे,इसके लिए इस कक्ष की दक्षिणी दीवार पर,घर के अंदर आते हुए घोड़ों की तस्वीर लगाएं । घोड़ों की तस्वीर घर में लगाने से धन संबंधी समस्याएं दूर होने लगती है,घर में स्थिर लक्ष्मी का वास होता है। इसके साथ ही जीवन में प्रसिद्धि और यश मिलता है। तस्वीर खरीदते समय ध्यान रहे कि घोड़ों का मुख प्रसन्न मुद्रा में हो ,वे आक्रोश वाले न हों।सकारात्मक ऊर्जा के स्तर में वृद्धि के लिए पूर्व दिशा में उगते हुए सूरज की तस्वीर लगाना अच्छा है।

    ऐसे पौधे रहेंगे शुभ

    हरे-भरे पौधे देखने से मन को सुकून मिलता है,वहीं तनाव दूर होता है। ख़ुशी महसूस होती है। लिविंग रूम में पूर्व या उत्तर में मनीप्लांट, बैम्बू बंच या कोई छोटा इंडोर प्लांट जैसे पौधे रखना सुंदरता के साथ-साथ समृद्धिकारक भी माने गए हैं। ध्यान रहे सूखे, कांटेदार और बोन्साई पौधे निराशा के सूचक हैं ,इन्हें न लगाएं। वास्तु के अनुसार फूलों की सजावट मन को आनंद प्रदान करती है। नकारात्मक ऊर्जा के सृजन से बचने के लिए गुलदस्ते में रखे फूल, सूखने या मुरझाने लगें तो इन्हें तुरंत हटा देना चाहिए।

    ऐसा हो फर्नीचर

    वास्तु शास्त्र के अनुसार भारी सोफे आदि फर्नीचर दक्षिण या पश्चिम दिशा की दीवार के सहारे रखना शुभ माना गया है। हल्का फर्नीचर पूर्व और उत्तर दिशा की तरफ रख सकते हैं। बैठते समय घर के मुखिया का मुख पूर्व या उत्तर में होना अच्छा माना गया है। सकारात्मक ऊर्जा के लिए लकड़ी का फर्नीचर काम में लेना चाहिए, लोहे का फर्नीचर लगाने से बचना चाहिए । फटा-टूटा फर्नीचर दुर्भाग्य का प्रतीक है इसे रखने से नकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है।

    ड्राइंग रूम का कलर

    ड्राइंग रूम वास्तु के नियमों से बना होना चाहिए। यदि आप ड्राइंग रूम की दीवारों को कलर करते हैं तो भूल कर भी ब्लैक ग्रे या कोई ऐसा कलर जो भड़कीला हो, ऐसे कलर नहीं लगाने चाहिए । हॉल की दीवारों को हमेशा सफेद क्रीम आइवरी या तो लाइट कलर्स लगाने चाहिए ‌। इन रंगों से आप बुरी शक्तियों से और बुरी नजर वालों से बच सकते हैं । आपके घर की खुशियां हमेशा रह सकती है । और किसी कारण वास्तु शास्त्र टिप्स फॉर ड्राइंग रूम की दीवारें घर को खुश रखने में मददगार साबित होती है ।बैठक कक्ष यानि लिविंग रूम में हमेशा पीला, मटमैला, भूरा, हरा रंग शुभ होता है।

    आचार्य मुरारी पांडेय जी

    ।।। जय सियाराम।।।

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