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    राशि अनुसार क्या दान करें कि पुण्य फल 1400 गुना होकर लौट आए।

    मकर संक्रांति पर्व पर कुंवारी और सुहागन महिलाएं 14 वस्तुए बांटती हैं, यह वस्तुएं अक्सर श्रृंगार या दैनिक उपयोग से संबंधी होती हैं। सुहागन महिलाएं अपने सुहाग की रक्षा के लिए एक-दूसरे को सुहाग बांटती हैं अर्थात सुहाग का दान देती हैं और कुंवारी सुहाग पाने के लिए वस्तुएं बांटती हैं। इसे हल्दी कुंकु भी कहा जाता है। आइए कुछ सामान्य आइडियाज पढ़ते हैं कि आपकी राशि के अनुसार क्या बांटा जा सकता है इस संक्रांति पर..

    मेष : हाथ के कंगन दान दें।
    इन दिनों कंगन की कई वैरायटीज प्रचलित हैं। लाख, कांच, मैटल, प्लास्टिक, पीतल, चांदी के अलावा कपड़े और रेशम की डोरी के डिजाइनर कंगन भी मार्केट में मिल रहे हैं। मार्केट में हर नाप के कड़े, कंगन और चू‍ड़ियों के 14-14 के सेट भी मिल रहे हैं।

    षभ : दीपक व वस्त्र दान दें।
    तांबे, पीतल, चांदी, मैटल, स्टील, मिट्टी के दीपक बांटे जा सकते हैं। वस्त्र में रुमाल, मास्क, स्कार्फ, शॉल, स्टोल, दुपट्टे, कुर्ते, मोजे, लैगिंग्स आदि का विकल्प हो सकता है।

    मिथुन :बर्तन दान दें।
    बर्तनों की बड़ी रेंज संक्रांति के लिए मार्केट में है। छोटे कटोरी या कटोरे, प्लेट, चम्मच, चाय छन्नी, अदरक किसनी, थाली, प्याली, पूजा के लिए कलश या आचमनी जैसे कई विकल्प बाजार में तैयार हैं। यह सिर्फ स्टील में ही नहीं बल्कि पीतल और चांदी में भी मिल रहे हैं।

    कर्क : टीका या बिंदिया दान दें।
    बिंदिया की इतनी डिजाइन और वैरायटी है कि आप चकित और भ्रमित हो सकते हैं। आप अपने बजट के अनुसार 1 रुपए से लेकर 100 रुपए तक की बिंदिया ले सकते हैं।

    सिंह : लाल कुमकुम का दान दें।
    आपकी राशि के लिए कुमकुम शुभ है तो आप किसी भी बड़ी डिबिया या बॉक्स में हल्दी के साथ कुमकुम की डिजाइनर डिब्बी रख कर दे सकते हैं।

    कन्या : चांदी की बिछिया दान दें।
    बिछिया की भी बहुत सी रेंज चांदी बाजार में इन दिनों मिल जाएगी। चांदी के भाव के अनुसार यह दान थोड़ा महंगा लग सकता है पर बांटने वाले बांटते ही हैं। सबसे सामान्य बिछिया भी आजकल कम से कम 150 में मिल रही है।

    तुला : मोती दान दें।
    आपकी राशि के अनुसार मोती शुभ है तो आप मोती की भी कई तरह की सामग्री ले सकते हैं। मोती के पर्स, मोती की चूड़ियां, मोती की अंगूठी, ब्रेसलेट आदि सही विकल्प हो सकते हैं।

    वृश्चिक : चुनरी का दान दें।
    कॉटन, रेशम, सिल्क, जॉर्जेट, शिफॉन, बंधेज, लहरिया, चुनरी प्रिंट, नेट आदि में कई तरह की चुनरी आपको मिल सकती है। अगर आपको कम बजट में काम करना है तो देवी माता की 14 चुनरी भी मंदिर में चढ़ा सकते हैं।

    धनु : सुहाग सामग्री का दान दें।
    आपके लिए बाजार में मंगलसूत्र, बिछिया, बिंदिया, नेलपॉलिश, मेहंदी, मांग भरने की डिबिया, काजल, कंघी, लिपस्टिक, पॉवडर, क्रीम आदि से लेकर कई तरह की लेटेस्ट चीजें फैशन में है। बड़ी बात यह कि हर तरह के बजट में उपलब्ध है।

    मकर : स्टील का दान दें।
    आपकी राशि का स्वामी शनि है और स्टील (लोहे) शनि का प्रतिनिधित्व करता है। आपकी राशि को हर वर्ष स्टील ही दान में देना चाहिए। स्टील के मार्केट में घर के उपयोग की वस्तुओं के अलावा पूजा संबंधी चीजें भी मिल रही हैं।

    कुंभ : सुगंधित वस्तुओं का दान दें।
    आपके लिए साबून, अगरबत्ती, चंदन, गुलाब फूल, परफ्यूम, क्रीम, पॉवडर, इत्र से लेकर हर वह चीज उपलब्ध है जिसमें खुशबू है।

    मीन : पायल का दान दें।
    आपकी राशि के लिए पैरों की पायल देना शुभ है तो आप बाजार से चांदी के अलावा चांदी से मिलती जुलती धातु की पायल भी खरीद सकते हैं।

    मकर संक्रांति पर बन रहे हैं सुंदर और शुभ ग्रह संयोग, बढ़ेगा पर्व का महत्व

    साल 2021 में मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जा रही है। इस दिन पर्व का का पुण्य काल 8 घंटे का रहेगा। यह सुबह 8 बजकर 30 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 46 मिनट तक होगा। शास्त्रों के अनुसार इस दौरान स्नान-दान से कई गुना फल प्राप्त होता है। मकर संक्रांति पर मकर राशि में कई महत्वपूर्ण ग्रह एक साथ गोचर करेंगे। इस दिन सूर्य, शनि, गुरु, बुध और चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे। जो एक शुभ योग का निर्माण करते हैं। इसीलिए इस दिन किया गया दान और स्नान जीवन में बहुत ही पुण्य फल प्रदान करता है और सुख समृद्धि लाता है।

    इस वर्ष मकर संक्रांति पर सूर्य, शनि, गुरु, बुध और चंद्रमा मकर राशि में होंगे। इस स्थिति को मकर संक्रांति के लिए बेहद शुभ फलदायी माना गया है।

    पुण्य काल मुहूर्त :08:03:07 से 12:30:00 तक
    अवधि :4 घंटे 26 मिनट
    महापुण्य काल मुहूर्त :08:03:07 से 08:27:07 तक
    अवधि :0 घंटे 24 मिनट
    संक्रांति पल :08:03:07

    Makar Sankranti 2021 : इस संक्रांति 5 सूर्य मंत्र और 12 सूर्य नामों से चमका लीजिए अपनी किस्मत

    मकर संक्रांति को सूर्य पूजन और सूर्य मंत्र का 108 बार जाप करने से अवश्य लाभ मिलता है। अगर भाषा व उच्चारण शुद्ध हो तो आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ अवश्य करें। यह अनुभूत प्रयोग है।

    1.ॐ घृ‍णिं सूर्य्य: आदित्य:
    2. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
    3. ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।
    4. ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ ।
    5. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः ।

    जानिए प्रमुख 12 सूर्य नाम मंत्र

    संक्रांति के दिन इन सूर्य नामों से सूर्य को जल चढ़ाने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है। प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करने से मन शांत और प्रसन्न होता है…

    * ॐ सूर्याय नम: ।
    * ॐ भास्कराय नम:।
    * ॐ रवये नम: ।
    * ॐ मित्राय नम: ।
    * ॐ भानवे नम:
    * ॐ खगय नम: ।
    * ॐ पुष्णे नम: ।
    * ॐ मारिचाये नम: ।
    * ॐ आदित्याय नम: ।
    * ॐ सावित्रे नम: ।
    * ॐ आर्काय नम: ।
    * ॐ हिरण्यगर्भाय नम: ।

    1 दीपक 14 कौड़ियां : मकर संक्रांति का यह उपाय कर देगा आपको मालामाल

    मकर संक्रांति का शुभ पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा। इस दिन कई तरह के उपाय किए जाते हैं। हम लाए हैं आपके लिए ग्रामीण अंचलों में धन, धान्य, लक्ष्मी और सफलता के लिए किया जाने वाला अचूक उपाय…

    संक्रांति की सुबह शुभ मुहूर्त में 14 स्वच्छ कौड़ियां लें। इन्हें केशर मिश्रित दूध से स्नान कराएं। अब इन्हें गंगाजल से शुद्ध कर एक साफ प्लेट या पूजा पात्र में रख लें। महालक्ष्मी के सामने दो दीपक जलाएं एक शुद्ध घी का और दूसरा तिल के तेल का। तिल के तेल का दीपक बाएं तरफ रखें और घी का दाएं तरफ। ड़ियां ॐ संक्रात्याय नम: का 14 बार मंत्र पढ़कर सिद्ध कीजिए। अन्य जो भी सूर्य या संक्रांति की पूजा करना हो वह भी कर लीजिए और समस्त दान सामग्री को कलप दीजिए। जैसे पर्स, अलमारी, देवस्थान, किचन, शैया के नीचे, काम करने की टेबल पर, भंडार घर में आदि। यह काम आपको संक्रांति के दिन ही करना है। उसके बाद दीपक का स्थान बदल देना है यानी जो पहले दाएं तरफ था उसे बाएं तरफ रख दीजिए और जो बाएं तरफ था उसे दाएं तरफ रख दीजिए। अगर ज्योत कम हो रही हो तो फिर से जला लीजिए।  का दीपक शाम को दहलीज पर और घी का तुलसी चौरे पर लगा दीजिए। यह प्रयोग सुख, समृद्धि, धन, धान्य, लक्ष्मी और सफलता के लिए अचूक माना गया है। ठीक 12 बजे कौड़ियां उठा लीजिए और उन्हें अलग-अलग शुद्ध और बरकत के स्थान पर रख दीजिए।

    वर्ष 2021 में मकर संक्राति का त्योहार 14 जनवरी को मनाया जा रहा है। इस दिन सूर्यदेव अपनी राशि परिवर्तन कर प्रात: 8 बजकर 05 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही देशभर में मकर-संक्रांति के पर्व का शुभारंभ हो जाएगा।

    मकर-संक्रांति का पुण्यकाल-

    वर्ष 2021 में मकर-संक्रांति का पुण्यकाल प्रात: 8 बजकर 05 मिनट से रात्रि 10 बज कर 46 मिनट तक रहेगा।

    संक्रांति का वाहन-
    वर्ष 2021 में संक्रांति का वाहन सिंह (व्याघ्र) एवं उपवाहन गज (हाथी) रहेगा। इस वर्ष संक्रांति का आगमन श्वेत वस्त्र व पाटली कंचुकी धारण किए बालावस्था में हो रहा है। संक्रांति कस्तूरी लेपन कर गदा आयुध (शस्त्र) लिए स्वर्णपात्र में अन्न भक्षण करते हुए आग्नेय दिशा को दृष्टिगत किए पूर्व दिशा
    की ओर गमन करते आ रही है।

    मकर संक्रांति पर 14 काम करने से रोका गया है। ये इस प्रकार हैं-

    1- इस दिन बाल धोने से बचना चाहिए।
    2- बाल न कटवाएं।
    3- दाढ़ी न बनवाएं।
    4- किसी से उधार न लें।
    5- अन्न का अपमान न करें।
    6- इस दिन फसल नहीं काटनी चाहिए।
    7- गाय या भैंस का दूध निकालने जैसा काम नहीं करना चाहिए।
    8- इस दौरान किसी से भी कड़वे बोल न बोलें।
    9- किसी भी वृक्ष को नहीं काटें।
    10- मांस और शराब के सेवन से इस दिन बचना चाहिए।
    11- घर के बड़ों का निरादर न करें।
    12- भिखारी को न भगाएं।
    13-ईश्वर निंदा से बचें।
    14- जानवर-पंछियों को न दुत्कारें।

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